नईखे होला
खाली एक गो कलेंडर
तारीख देखले के अलावा
पिताजी के खातिन
ई कलेंडर होला
राशि मुहूरत
अउर मूल-विचार
जनले कै साधन
सबके शादी-बियाहे कै लेखा जोखा
मेहरारू खातिन
ई कलेंडर होला
बरत तालिका
दुधे कै हिसाब
गैस बदलले कै दिन
लईकन खातिन
ई कलेंडर होला
स्कूले कै किरिया- कलाप
अउर दोस्तन कै जन्मदिन
याद रखले कै साधन
हमरे खातिन होला
ई कलेंडर
मोबाइल नम्बरन कै जखीरा
नेट पैक अउर मोबाइल
रिचारज कईले कै दिन
अउर ढेर गो जरुरी बातन खातिन
मुफत में एक गो रफ कापी
ई तरीका से साल के आखिर में
आवत- आवत ई कलेंडर
बन जाला एक गो जरुरी दस्तावेज.
एक्के बार में रउआ इयाद करा देनी ह हमार दादा जी के.. हई दस्तावेज़ पहिला साल में होखेला जरूरी, बाकी आगे जाकर इतिहास हो जा ला.. बहुते नीमन कबिताई कइनिं ह भाई जी!!
ReplyDelete:) बहुत बढ़िया , सच में एक ज़रूरी दस्तावेज
ReplyDeleteआगत-विगत का लेखा-जोखा कैलेंडर.
ReplyDeleteडायरी का भी काम दे रह है ☺
ReplyDeleteकलेंडर और उस पर बढ़िया प्रस्तुति.
ReplyDeleteएक कलेंडर नहीं ये दस्तावेज़ है ... पूरी जिंदगी उतर आती है इन तारीखों पे ...
ReplyDeleteभोजपुरी कविता का आनंद लेने की पूरी कोशिश की है मैंने
ReplyDeleteमेरा मन कह रहा है कि कह दूँ:-
ReplyDeleteदमादम मस्त कलंदर
नहीं .......बल्कि .........
दमादम मस्त कैलेण्डर .
वाकई...
ReplyDeleteहम तो एक साल पुराना केलेंडर भी सम्हाले रहते हैं..
:-)
अच्छी रचना.
waah ji waah, calender ab celander hi nahi rha,,ye to pre saal ka lekha jokha ho gya hai..waah badhai
ReplyDeleteभाषा मुझे समझ कम आ रही है.
ReplyDeleteपर भाव बखूबी समझ आ रहे हैं.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.
आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईएगा,उपेन्द्र जी.
इस कलेंडर में इतनी साडी बातो का समावेश है की सच में यह कलेंडर अब कलेंडर न होके दस्तावज हो गया है
ReplyDeleteकलेंडर पर सुन्दर प्रस्तुति....
word verification hata dijiye....
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ReplyDeleteaisa karane se word verification hat jayega
try kijiye....
ji, dhanyabad
Deletecalender par par likhi aapki prastuti waqai me bahut hi kaam ki hai.
ReplyDeleteshat -pratishat sahi baat likhi hai aapne ------
badhai
poonam
निम्मन लागल!
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